कल तक इन नन्हें नन्हें पैरों में आज पापा की चप्पल | English Poetry

"कल तक इन नन्हें नन्हें पैरों में आज पापा की चप्पल भी आने लगी भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। छोटी छोटी चीजों पर आज भी लडते रहते और बडे बडे गिफ्ट आए दिन लाया करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। खुद भले ही डाँट ले पर मजाल किसी की जो कोई आंख उठाकर भी देख ले भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। हजारों दर्द सहते पर कुछ न कभी कहते मुस्कुराते चेहरे पर दर्द की सिक्सत ना झलकती भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। कल ही तो हम साथ खेला करते थे कभी चोकलेट तो कभी मैगी के लिए लडा़ करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। अपनी मस्ती में सब भूल जाने वाले आज पापा की दवाई याद से लाया करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। कल तक रीमोट कार के लिए जिद्द करने वाले आज मेरी पसंद नापसंद का ख्याल रखने लगे भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। - प्रीति चौहान ©Preeti Chauhan"

 कल तक इन नन्हें नन्हें पैरों में 
आज पापा की चप्पल भी आने लगी
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

छोटी छोटी चीजों पर आज भी लडते रहते 
और बडे बडे गिफ्ट आए दिन लाया करते 
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

खुद भले ही डाँट ले पर मजाल किसी की 
जो कोई आंख उठाकर भी देख ले 
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

हजारों दर्द सहते पर कुछ न कभी कहते 
मुस्कुराते चेहरे पर दर्द की सिक्सत ना झलकती
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

कल ही तो हम साथ खेला करते थे 
कभी चोकलेट तो कभी मैगी के लिए लडा़ करते 
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

अपनी मस्ती में सब भूल जाने वाले 
आज पापा की दवाई याद से लाया करते 
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

कल तक रीमोट कार के लिए जिद्द करने वाले 
आज मेरी पसंद नापसंद का ख्याल रखने लगे 
भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। 

                            -  प्रीति चौहान

©Preeti Chauhan

कल तक इन नन्हें नन्हें पैरों में आज पापा की चप्पल भी आने लगी भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। छोटी छोटी चीजों पर आज भी लडते रहते और बडे बडे गिफ्ट आए दिन लाया करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। खुद भले ही डाँट ले पर मजाल किसी की जो कोई आंख उठाकर भी देख ले भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। हजारों दर्द सहते पर कुछ न कभी कहते मुस्कुराते चेहरे पर दर्द की सिक्सत ना झलकती भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। कल ही तो हम साथ खेला करते थे कभी चोकलेट तो कभी मैगी के लिए लडा़ करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। अपनी मस्ती में सब भूल जाने वाले आज पापा की दवाई याद से लाया करते भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। कल तक रीमोट कार के लिए जिद्द करने वाले आज मेरी पसंद नापसंद का ख्याल रखने लगे भईया तुम इतने बड़े कब हो गये। - प्रीति चौहान ©Preeti Chauhan

#Bhaidooj

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