गुज़रती क्या है सीने पे किसी के जाने से अब ये अहसा | हिंदी शायरी

"गुज़रती क्या है सीने पे किसी के जाने से अब ये अहसास नहीं होता चाहे कोई कितना भी अपना क्यों ना हो जाए मगर अब खास नहीं होता बीत गये दिन मासूमियत के सभी अब ये दिल तेरी याद में रात नहीं रोता इतना निकले हैं बेवफ़ाई की गलियों से कि अब मूड़ कर किसी से प्यार करना भी चाहे तो हमसे प्यार नहीं होता........ ................अब हमसे प्यार नहीं होता II ©Aman"

 गुज़रती क्या है सीने पे किसी के जाने से अब ये अहसास नहीं होता
 चाहे कोई कितना भी अपना क्यों ना हो जाए मगर अब खास नहीं होता 
बीत गये दिन मासूमियत के सभी अब ये दिल तेरी याद में रात नहीं रोता 
इतना निकले हैं बेवफ़ाई की गलियों से कि अब  मूड़ कर किसी से प्यार करना भी चाहे तो हमसे प्यार नहीं होता........ 
 ................अब हमसे प्यार  नहीं होता II

©Aman

गुज़रती क्या है सीने पे किसी के जाने से अब ये अहसास नहीं होता चाहे कोई कितना भी अपना क्यों ना हो जाए मगर अब खास नहीं होता बीत गये दिन मासूमियत के सभी अब ये दिल तेरी याद में रात नहीं रोता इतना निकले हैं बेवफ़ाई की गलियों से कि अब मूड़ कर किसी से प्यार करना भी चाहे तो हमसे प्यार नहीं होता........ ................अब हमसे प्यार नहीं होता II ©Aman

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