गुज़रती क्या है सीने पे किसी के जाने से अब ये अहसास नहीं होता
चाहे कोई कितना भी अपना क्यों ना हो जाए मगर अब खास नहीं होता
बीत गये दिन मासूमियत के सभी अब ये दिल तेरी याद में रात नहीं रोता
इतना निकले हैं बेवफ़ाई की गलियों से कि अब मूड़ कर किसी से प्यार करना भी चाहे तो हमसे प्यार नहीं होता........
................अब हमसे प्यार नहीं होता II
©Aman