बिस्तर के सिरहाने रखा तकिया
तकिए के नीचे तुम्हारी तसवीर
तस्वीर में चमकता तुम्हारा चेहरा
चेहरे में गहरी काली आंखे ,
आँखों मे मेरा अक्स
मेरे अक्स में तुम्हारी रूह
तुम्हारी रूह में मेरी सांसे
मेरी सांसों पर हक़ तुम्हारा
पर मेरे हक़ में तुम नही
मेरी दस्तरस में तुम नही
मेरे ख्वाब में हो शामों सुबहा
मगर मेरी हकीकत में तुम नही।
विनोद दुबे || स्याही ||
©VINOD DUBEY◆SYAHII◆◆سیاہی◆
#khoj #Nojoto बाबा ब्राऊनबियर्ड Praveen Storyteller @kanta kumawat gaTTubaba Manisha