Unsplash सुख_दुःख
न सुख की है सीमा कोई
न दुःख की है सीमा
इन दोनो के बीच ही जीवन
सबको पड़ता जीना
सुख कहता है मै चेहरों पर
लाता हूँ मुश्कान
दुःख कहता है मै ही कराता
अपनों की पहचान
दोनों कहते हम सब मिलकर
जीवन चक्र चलाते
अपनी माया जाल में दुनिया
को हरदम उलझाते
बेखुद छुड़ा नहीं सकते हम
इन दोनों से पीछा
जीवन भर ये लेते रहते
सबकी कठिन परीक्षा
©Sunil Kumar Maurya Bekhud
#सुख_दुःख