White बुलंद दरवाजे की तह से निकलकर आया है। जुनून ये किसी शह से निकलकर आया है। कदम-कदम की मुश्किलों को चकनाचूर करने। सरकश भी किसी दह से निकलकर आया है। कवि मुकेश गोगडे सरकश-विद्रोही ©kavi mukesh gogdey #alone_quotes Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto