थक कर अपनी हद में ही सो जाते हैं हम सपनों में भी श | हिंदी Shayari

"थक कर अपनी हद में ही सो जाते हैं हम सपनों में भी शौकिया ख्यालों को नहीं लाते हैं कोई समझ ले पढ़ कर जिन्दगी को हम बेबस निगाह वाले सर नहीं इसलिए झुकाते हैं सलोनी कुमारी . ©khubsurat"

 थक कर अपनी हद में ही सो जाते हैं
हम सपनों में भी शौकिया ख्यालों को नहीं लाते हैं 
कोई समझ ले पढ़ कर जिन्दगी को 
हम बेबस निगाह वाले सर नहीं इसलिए झुकाते हैं 

सलोनी कुमारी










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©khubsurat

थक कर अपनी हद में ही सो जाते हैं हम सपनों में भी शौकिया ख्यालों को नहीं लाते हैं कोई समझ ले पढ़ कर जिन्दगी को हम बेबस निगाह वाले सर नहीं इसलिए झुकाते हैं सलोनी कुमारी . ©khubsurat

#sunrisesunset

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