White काश जैसे अलग कर लेते हैं हम सब्जियों के खर | हिंदी विचार

"White काश जैसे अलग कर लेते हैं हम सब्जियों के खराब हिस्से को अच्छे हिस्से से, चावल से बीजों को दालों से पत्थरों को चाय से चाय पत्ती को बस काश वैसे ही जिंदगी से भी आसानी से अलग कर लेते कुछ बुरी यादों को उन खराब हिस्सों की तरह आसानी से पहचान लेते फरेबी लोगों को कुछ गलतियां यूं ही अलग कर आसानी से हल्का कर लेते बोझ मन का काश ये पछतावे की घुटन से निजात पाया जा सकता आसानी से काश सब कुछ आसान सा होता काश जो अंदर से जैसा है बाहर से भी वैसा होता ©Ashtha Mahra"

 White  काश
 जैसे अलग कर लेते हैं हम सब्जियों के खराब हिस्से को 
अच्छे हिस्से से,
 चावल से बीजों को
 दालों से पत्थरों को
 चाय से चाय पत्ती को

 बस काश वैसे ही

 जिंदगी से भी आसानी से अलग कर लेते
 कुछ बुरी यादों को 
उन खराब हिस्सों की तरह
 आसानी से पहचान लेते फरेबी लोगों को

 कुछ गलतियां यूं ही अलग कर आसानी से
 हल्का कर लेते बोझ मन का 
काश ये पछतावे की घुटन से निजात पाया जा सकता आसानी से
 काश सब कुछ आसान सा होता 
काश जो अंदर से जैसा है बाहर से भी वैसा होता

©Ashtha Mahra

White काश जैसे अलग कर लेते हैं हम सब्जियों के खराब हिस्से को अच्छे हिस्से से, चावल से बीजों को दालों से पत्थरों को चाय से चाय पत्ती को बस काश वैसे ही जिंदगी से भी आसानी से अलग कर लेते कुछ बुरी यादों को उन खराब हिस्सों की तरह आसानी से पहचान लेते फरेबी लोगों को कुछ गलतियां यूं ही अलग कर आसानी से हल्का कर लेते बोझ मन का काश ये पछतावे की घुटन से निजात पाया जा सकता आसानी से काश सब कुछ आसान सा होता काश जो अंदर से जैसा है बाहर से भी वैसा होता ©Ashtha Mahra

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