की पूछ लें वो मेरा अगर कि हाल कैसा है,
तो फिर दिल में ये मलाल कैसा है,
कि वो जानते हैं कि उनके बिना मेरा हाल कैसा है,
फ़िर भी नहीं पूछते हैं कि मेरा हाल कैसा है,
छोड़ दे नादानियां ऐ नादां दिल कि तेरा हाल कैसा है,
होती है तकल्लुफ उन्हें शायद पूछने में कि तेरा हाल कैसा है,
तो फ़िर बेवजह ही उनसे गिले शिकवे और ये सवाल कैसा है....!!
©Rishi Ranjan
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