अंजाने रस्तों पे सफर आसान ना था, कोई हमसफर मिला प | हिंदी Shayari Vide

"'अंजाने रस्तों पे सफर आसान ना था, कोई हमसफर मिला पर वोह अपना ना था, कहता है जी ले अपनी ज़िन्दगी कुछ लम्हों की, बस कम्बखत वक़्त ना था, पाना चाहा उसे पर ना समझा वोह, लौट आया एक दिन फिर वोह पर इतेफ़कान वक़्त कम था, अंजाना सा सफर बस वोह हमसफर जो अपना सा था..' ©navroop singh "

'अंजाने रस्तों पे सफर आसान ना था, कोई हमसफर मिला पर वोह अपना ना था, कहता है जी ले अपनी ज़िन्दगी कुछ लम्हों की, बस कम्बखत वक़्त ना था, पाना चाहा उसे पर ना समझा वोह, लौट आया एक दिन फिर वोह पर इतेफ़कान वक़्त कम था, अंजाना सा सफर बस वोह हमसफर जो अपना सा था..' ©navroop singh

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