कमलेश उमींद जो हो तो सागर भी गहरा नहीं हैं ठाना जि | हिंदी शायरी Video

"कमलेश उमींद जो हो तो सागर भी गहरा नहीं हैं ठाना जिसने,उसके लिए कोई भी पहरा नहीं हैं। ©Kamlesh Kandpal "

कमलेश उमींद जो हो तो सागर भी गहरा नहीं हैं ठाना जिसने,उसके लिए कोई भी पहरा नहीं हैं। ©Kamlesh Kandpal

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