अपेक्षाकृत जनचहीते समय पूर्व ही कूच कर गये !
कहीं राज़दारी संशय में तो कूच करा न दिये गये !!
इंदिरा, राजीव, पायलट, सिंधिया, वाय एस आर !
गोलीबारी, आतंकी बम या हादसों के हुए शिकार !!
पंड्या, सुषमा, जेटली, परिकर, महाजन मुंडे !
आनन-फानन एक एक कर ये सारे चल बसे !!
सत्ता की शौहरत जब किसी की चुभन बन जाती है !
अक्सर तभी ऐसी दुर्दैवी दुर्घटनाएं घट ही जाती है !!
जाँच पड़ताल कर सच जानने की कोशिशें भी नहीं दिखती !
अफ़सोस राजनीति खून खराबे से भी परहेज़ नहीं करती !!
यूँ तो जनसमक्ष सही दिखाई देने वाले कारण परोस दिये जाते !
पर लगातार होते ये हादसे सहज गले नहीं उतर पाते !!
साज़िशें अंतरराष्ट्रीय भी हो सकती हैं !
नेपाल बांग्ला पाकिस्तान में भी ऐसी कई घटनायें घटी है !!
जनता दिल पर पत्थर रख कर कर लेती है स्वीकार !
कह देती अच्छे लोगों की स्वर्ग में भी रही होगी दरकार !!
सिलसिला गांधीजी की हत्या से ही शुरू हुआ आज तक चल रहा !
शास्त्री जी के अचानक चल बसने का असमंजस आज तक हल न हुआ !!
सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु भी अनसुलझी गुत्थी है !
साजिशों की फ़ेहरिस्त बहुत ही लंबी है !!
कलम का सुझाव है कि इनकी जाँच के लिये बनाया जाये सक्षम महकमा !
सभी साजिशों का पर्दाफ़ाश कर जनचहीतों की रक्षा का हो इसका ज़िम्मा !!
- आवेश हिंदुस्तानी 2.3.2023
©Ashok Mangal
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