विचारों के विचारों से टकराव का सिलसिला जारी रहा। उ | हिंदी Shayari Vid

"विचारों के विचारों से टकराव का सिलसिला जारी रहा। उनकी उपेक्षाओं से अपेक्षाओं के दबने का सिलसिला जारी रहा। तत्काल प्रभाव से हमने उनको बोझ से मुक्त कर दिया। मोम बने दिल को हमने फिर से पत्थर कर लिया।। ©Dhiraj Kumar "

विचारों के विचारों से टकराव का सिलसिला जारी रहा। उनकी उपेक्षाओं से अपेक्षाओं के दबने का सिलसिला जारी रहा। तत्काल प्रभाव से हमने उनको बोझ से मुक्त कर दिया। मोम बने दिल को हमने फिर से पत्थर कर लिया।। ©Dhiraj Kumar

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