Unsplash "तू और मैं "
निकल रहे हैं यादों में तेरी, आंखों से मेरी, आंसूं के धारे ।
धुंधला सा आता नज़र है, तड़पता दिल और बहते अंगारे ।
घुले हुए हैं खामोशी में तेरी , सवाल सारे ,जबाब सारे,
जिया हूँ जो पल शाने से लग कर,वही है दौलत पास हमारे,
मर मिटे थे तुझ पे मेरे वो ख़याल सारे ,अल्फ़ाज़ सारे,
तेरे आने से पहले, किये थे मैंने, रियाज सारे ,जबाब सारे ,
उसी जगह फिर खड़ी हूँ लेकर गुलाब सारे,ख्वाब सारे ।
©Yashpal singh gusain badal'
#leafbook तू और मैं