मेरी भी पलकें भीगी हैं तेरी भी आँखें पानी हैं दरिय | हिंदी Shayari
"मेरी भी पलकें भीगी हैं तेरी भी आँखें पानी हैं
दरिया ने प्यास की क़ीमत आज पहचानी है
बस एक वही मैं हूँ बस एक वही तुम हो
बात अच्छी तो है मगर पुरानी है
फूलों सी खुशबू उसकी महक उठती है रातों में
मुझ में अब भी बाकी जिसकी जवानी है"
मेरी भी पलकें भीगी हैं तेरी भी आँखें पानी हैं
दरिया ने प्यास की क़ीमत आज पहचानी है
बस एक वही मैं हूँ बस एक वही तुम हो
बात अच्छी तो है मगर पुरानी है
फूलों सी खुशबू उसकी महक उठती है रातों में
मुझ में अब भी बाकी जिसकी जवानी है