White | हिंदी कविता

"White कृष्णजन्मदोहावली वसु-देवकि सुत की कथा,सुनो सुनाएं आज। ईश्वर मनु अवतार में , चमत्कार थे काज।। भादों सुदी अष्टम तिथि, बेला आधी रात। मथुरा जन्मे मोहना , गोकुल लीला गात।। जन्में कारागार में , स्वयं त्रिलोकी नाथ। मातु पिता हर्षित हुए,देख पुत्र को साथ।। घबराये वसुदेव अब , सोच कंस का त्रास। सुत की रक्षा हेतु अब,प्रभु पर था विश्वास।। तात,मात की बेड़ियां , काटे श्री गोपाल। चमत्कार अद्भुत हुए,राह दिखी तत्काल।। रखे टोकनी लाल को , चले नंद के गांव। अति उद्वेलित अर्गजा,शीश शेष की छांव ‌।। तभी बधाई बज गई , धूम मची नंदद्वार। लाल यशोमति का हुआ,खुशियां हुई अपार।। लीलाधर लीला किये,दधि माखन के चोर। कृष्ण राधिका ग्वाल सखि ,रास बांसुरी शोर।। वीणा खंडेलवाल तुमसर (महाराष्ट्र) ©veena khandelwal"

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                                                               कृष्णजन्मदोहावली

वसु-देवकि सुत की कथा,सुनो सुनाएं आज।
 ईश्वर मनु अवतार में , चमत्कार थे काज।।

भादों सुदी अष्टम तिथि, बेला आधी रात। 
मथुरा जन्मे मोहना ,  गोकुल लीला गात।।

जन्में कारागार में ,  स्वयं त्रिलोकी नाथ।
मातु पिता हर्षित हुए,देख पुत्र को साथ।।

घबराये वसुदेव अब , सोच कंस का  त्रास।
सुत की रक्षा हेतु अब,प्रभु पर था विश्वास।।

तात,मात की बेड़ियां ,  काटे श्री गोपाल।
चमत्कार अद्भुत हुए,राह दिखी तत्काल।।

रखे टोकनी लाल को ,    चले नंद के गांव।
अति उद्वेलित अर्गजा,शीश शेष की छांव ‌।।

तभी बधाई बज गई ,     धूम मची नंदद्वार।
लाल यशोमति का हुआ,खुशियां हुई अपार।।

लीलाधर लीला किये,दधि माखन के चोर।
कृष्ण राधिका ग्वाल सखि ,रास बांसुरी शोर।।



                                                        
                                                         वीणा खंडेलवाल
                                                          तुमसर (महाराष्ट्र)

©veena khandelwal

White कृष्णजन्मदोहावली वसु-देवकि सुत की कथा,सुनो सुनाएं आज। ईश्वर मनु अवतार में , चमत्कार थे काज।। भादों सुदी अष्टम तिथि, बेला आधी रात। मथुरा जन्मे मोहना , गोकुल लीला गात।। जन्में कारागार में , स्वयं त्रिलोकी नाथ। मातु पिता हर्षित हुए,देख पुत्र को साथ।। घबराये वसुदेव अब , सोच कंस का त्रास। सुत की रक्षा हेतु अब,प्रभु पर था विश्वास।। तात,मात की बेड़ियां , काटे श्री गोपाल। चमत्कार अद्भुत हुए,राह दिखी तत्काल।। रखे टोकनी लाल को , चले नंद के गांव। अति उद्वेलित अर्गजा,शीश शेष की छांव ‌।। तभी बधाई बज गई , धूम मची नंदद्वार। लाल यशोमति का हुआ,खुशियां हुई अपार।। लीलाधर लीला किये,दधि माखन के चोर। कृष्ण राधिका ग्वाल सखि ,रास बांसुरी शोर।। वीणा खंडेलवाल तुमसर (महाराष्ट्र) ©veena khandelwal

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