आजकल वो थोड़े बेपरवाह से हो गए हैं,
मुझे याद तक नहीं करते ऐसे हो गए हैं ।
वो कन्ही मशरूफ हैं अपने हसीं ख़्वाबो में,
यन्हा हम उनकी फिक्र में आधे हो गए हैं ।
सदायें भी नहीं सुनते हैं अब इस दिल की,
वो मेरे हाल को ना समझने वाले हो गए हैं ।
©shubham bhardwaj
#iqbal&Sehmat