एक कतरा आँसू मेरी आँखों से क्या बह गया ! कम्बख़्त | हिंदी Shayari Vide

"एक कतरा आँसू मेरी आँखों से क्या बह गया ! कम्बख़्त हाल‌‌-ए-दिल वो सारा मेरा कह गया ! बड़े करीने से बनाया था इक दर्द ए महल हमने, बस एक याद क्या आई कि सब कुछ ढह गया ! ये गम-ए-हिज्र है जिसने हमें इतना रूला दिया, वरना बे-वफ़ाई तक तेरी यह दिल था सह गया ! अब जो मेरी ज़ीस्त में तुम कहीं शामिल नहीं, बताओ फिर भला हम पर सनम क्या रह गया ! ©Parastish "

एक कतरा आँसू मेरी आँखों से क्या बह गया ! कम्बख़्त हाल‌‌-ए-दिल वो सारा मेरा कह गया ! बड़े करीने से बनाया था इक दर्द ए महल हमने, बस एक याद क्या आई कि सब कुछ ढह गया ! ये गम-ए-हिज्र है जिसने हमें इतना रूला दिया, वरना बे-वफ़ाई तक तेरी यह दिल था सह गया ! अब जो मेरी ज़ीस्त में तुम कहीं शामिल नहीं, बताओ फिर भला हम पर सनम क्या रह गया ! ©Parastish

ज़ीस्त- ज़िन्दगी
#parastish

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