शाम का था पहरा और सूरज था कुछ नम, बादल थे आसमान पर और मिट्टी पर शबनम मैं रुका था देखने को यह बारिश रिमझिम, भाग कर आई वो और गले से लिपटे हम बारिश यारो मुझको ऐसा ही नहीं पसंद, बारिश यारो मुझको ऐसा ही नहीं पसंद -विक्रम . ©VIKRAM RAJAK Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto