पंख हैं पास तो हम क्यों बैठे, ऊड़ते रहेगें आसमान म | हिंदी Shayari

"पंख हैं पास तो हम क्यों बैठे, ऊड़ते रहेगें आसमान में खुशियाँ बाटें हम औरों को, आओ (जौहर) इस जहान में! (जौहर डुमराँवीं) ©Liyakt Khan"

 पंख हैं पास तो हम क्यों बैठे, ऊड़ते रहेगें आसमान में

खुशियाँ बाटें हम औरों को, आओ (जौहर) इस जहान में! 



(जौहर डुमराँवीं)

©Liyakt Khan

पंख हैं पास तो हम क्यों बैठे, ऊड़ते रहेगें आसमान में खुशियाँ बाटें हम औरों को, आओ (जौहर) इस जहान में! (जौहर डुमराँवीं) ©Liyakt Khan

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