परिवर्तन को स्वीकार करो...... स्वीकार करो, स्वीकार | हिंदी कविता Video

"परिवर्तन को स्वीकार करो...... स्वीकार करो, स्वीकार करो, परिवर्तन को स्वीकार करो गतिशील है ये जीवन, तो परिस्थितियों का बदलना निश्चित है जानते हुए भी,फिर क्यों एक स्थिति को पकड़ना है उसके चले जाने पर, क्यों रोना धोना है बदलाव जरुरी है जीवन में, इसे आत्मसात करो आये नये बदलाव में, क्या पीछे छूट गया था उसे सोच समझकर, नए सिरे से शुरुवात करो रह गया हो जो बाकी कुछ, उसमे कुछ सुधार करो टूटे फूटे लम्हों को, फिर से आपस में जोड़कर नये रंग डालकर, नये चित्र उकेर कर, नया लम्हा तैयार करो नये लम्हें में, नई उम्मीदो की बगिया सजाकर उस बगिया में, सुन्दर सपनो के रंग भरो नीले, पीले, लाल, सुनहरे, अदभुत रंगों की दुनियाँ के तुम स्वयं एक सृजनकार बनो होगी ये दुनियाँ, पहले से सुन्दर,मन में ये विश्वास रखो क्यूंकि तुमने बेहतर बनकर, स्वीकार किया है नये जीवन को..... ©Rina "

परिवर्तन को स्वीकार करो...... स्वीकार करो, स्वीकार करो, परिवर्तन को स्वीकार करो गतिशील है ये जीवन, तो परिस्थितियों का बदलना निश्चित है जानते हुए भी,फिर क्यों एक स्थिति को पकड़ना है उसके चले जाने पर, क्यों रोना धोना है बदलाव जरुरी है जीवन में, इसे आत्मसात करो आये नये बदलाव में, क्या पीछे छूट गया था उसे सोच समझकर, नए सिरे से शुरुवात करो रह गया हो जो बाकी कुछ, उसमे कुछ सुधार करो टूटे फूटे लम्हों को, फिर से आपस में जोड़कर नये रंग डालकर, नये चित्र उकेर कर, नया लम्हा तैयार करो नये लम्हें में, नई उम्मीदो की बगिया सजाकर उस बगिया में, सुन्दर सपनो के रंग भरो नीले, पीले, लाल, सुनहरे, अदभुत रंगों की दुनियाँ के तुम स्वयं एक सृजनकार बनो होगी ये दुनियाँ, पहले से सुन्दर,मन में ये विश्वास रखो क्यूंकि तुमने बेहतर बनकर, स्वीकार किया है नये जीवन को..... ©Rina

#thelunarcycle

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