चंचल चीत कोमल काया,अधर स्पंदन करना भूल गया है! जि | हिंदी Shayari Vide

"चंचल चीत कोमल काया,अधर स्पंदन करना भूल गया है! जिंदगी में अब लगता है ,खामोशी का दस्तक होने लगा है!! उर सागर में नहीं अब लहरें उठती, दिल मचलना भूल गया है! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी का दस्तक होने लगा है!! न आह्लादित ही मन अब होता है, नैन अश्रु सुख गए हैं! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी दस्तक देने लगा है!! वीरान पड़ी है अब दिल की नगरी,घोर अंधेरा होने लगा है! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी दस्तक देने लगा है!! ©Sudha Pandey "

चंचल चीत कोमल काया,अधर स्पंदन करना भूल गया है! जिंदगी में अब लगता है ,खामोशी का दस्तक होने लगा है!! उर सागर में नहीं अब लहरें उठती, दिल मचलना भूल गया है! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी का दस्तक होने लगा है!! न आह्लादित ही मन अब होता है, नैन अश्रु सुख गए हैं! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी दस्तक देने लगा है!! वीरान पड़ी है अब दिल की नगरी,घोर अंधेरा होने लगा है! जिंदगी में अब लगता है, खामोशी दस्तक देने लगा है!! ©Sudha Pandey

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