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Long Distance Relationship
रूठे हुए दिल को मेरे इतना क्यों सता रहे हो
कह दो ना कब आ रहे हो..
कैसे कैसे यह दिन काट रही हूं
जैसे तैसे ही सही पर अपना मन्न बहला रही हूं।
माना कि ऊपर से खुश दिखाती हूं
तो अपना देर उतनी ही अकेली भी हूं
अपनी ताक़त के बिना हमेशा अधूरी सी हूं मैं।।
माना काम भी ज़रूरी है मगर
वक्त भी बहुत कीमती होता है...
हमसफ़र के बिना ज़िंदगी जीने का मज़ा
मानो जैसे गुलाब के साथ काटे होना है
बहुत वक्त काट लिया अब यह चंद लम्हे भारी
पढ़ रहे है मानो ना मानो पर
मेरे अब सबर के तार कट रहे है।।।
नहीं हो पर अब यह सबर का इंतेज़ार
मुझे बस अब वापिस चाहिए मेरा प्यार।।।।
✓poetrysoul_999
@Ishitav
©Ishita Verma
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