देखी हैं हाॅट और शार्ट में मैंने जिनके बच्चों को,
वे ही मुझ पर फितरे कसते हैं।
मेरे स्लीवलेस ब्लाउज के पहन लेने पर।
आधुनिकता की होड़ में बढ़ चले हैं वे, आगे और आगे,
और मुझे मजबूर करते हैं।
पुराने दौर कि ओर बढ़ने के लिए।
लेकिन संस्कार सिखाती ये औरतें,
अपने घर-परिवार के लिए अपनी ही आंखों पर।
आखिर पट्टियां बांधकर क्यूं बैठी होती हैं?
उस लाचार पात्र, महाभारत कि गांधारी सरीखे आखिर क्यूं?
©rajeshwari Thakur
#relaxation