कब तक ऐसा दर्द सहोगी कब तक उसे ना रोकोगी शक्ति हो तुम तुम बलशाली कब तक शास्त्र ना धरोगी खुले हाथों की बना लो मुट्ठी जो अब हाथ लगावें राक्षस तोड़ो शीश उनका उनकी ठुड्ढी कब तक ऐसा दर्द सहोगी कब तक मूक बन रोती रहोगी ©Meera Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto