White ना जाने ये मन किस ओर चला है
ना रास्ता ना मंजिल ना कोई आसरा है
तड़प रहे हैं हर पल छिन
भटक रहे हैं हर पल हर दिन
नम आंखे सूख नहीं पाई हैं
किसी अपने ने ये आंखे दुखाई हैं
रोया पछताया मैने क्या है कमाया
इस दुनियादारी कि खातिर
मैने क्या खोया क्या पाया,,,....
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©Rakesh frnds4ever
#रोया #पछताया ,,,,,,,,
ना जाने ये #मन किस ओर चला है ना #रास्ता ना #मंजिल ना कोई #आसरा है
तड़प रहे हैं हर पल_छिन
भटक रहे हैं
रोया पछताया मैने क्या है कमाया इस #दुनियादारी कि खातिर मैने क्या खोया क्या पाया,,,....