"बा अदब था
बा वफ़ा था
कुछ सही कुछ
बेतुका था
बे-वज़ू वो
वस्ल ना था
आशिकी में
सरफिरा था
बस तिरा दिल
आशिया था
हाय मिलना
मोजज़ा था
कौन जाने
क्या हुआ था
साथ में भी
फासला था
सच मिरा सब
जा-ब-जा था
हिज्र का फ़िर
फ़ैसला था
होठ पे बस
फातिहा था
ऐ सितमगर
क्या गिला था
ख़ैर छोड़ो
हादसा था
इश्क़ बस इक
वाकिया था
©Mohini Jugran"