White दिल मेरा टूटा, एक ख़ामोश साज़ हुआ,
सपनों का महल अब वीरान आज हुआ।
कभी धड़कनें थीं जो गीतों की तरह,
अब उनमें बस सन्नाटों का राज हुआ।
वो हंसी, वो बातें, सब खो गईं कहीं,
आंखों में अब सिर्फ़ नमी की बस्तियां बसीं।
वो जो कभी सबसे अपना था,
आज अजनबी सा हर अंदाज़ हुआ।
धोखे की चुभन, वादों की राख,
दिल की गलियों में अब दर्द की है रात।
सपनों का आंगन बिखर गया जैसे,
वफ़ा की जगह अब बेवफाई का साथ हुआ।
पर टूटा दिल भी एक सबक सिखा गया,
कि दुनिया की राह में कौन अपना, कौन पराया।
घाव भले गहरे हों, भर जाएंगे कभी,
और ये टूटा दिल भी फिर नया साज़ हुआ।
©aditi the writer
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