खुद से आए, मेरे जिंदगी में,
बहार बन के!
चले गए हमें भी, सबकी तरह
तन्हा इस बार कर के !!
तुझ में अगर ठहराव नहीं!!
फिर क्यों आए
मेरे सच्चा यार बन के।
तुमको आंधियों से बड़ा बनता होगा न,
वो भी आते हैं!
बिन बताए तुम्हारी तरह
और जाते हैं!!
घर बार उजाड़ कर के !!
©Ravi Pandey
#Sands