राहों को कब खबर हैं,
तेरी याद में कौन बेखबर हैं।
मुझको तुझे छूने से रोकता रहा ये तेरे प्यार का सब्र है।
धोखा दे के तुझे औरो की तरह अपना बना तो लू मैं, पर मेरी तेरे जिस्म पर नहीं तेरी रूह पर नजर हैं।।
कब तक सहता रहूंगा ये दर्द-ए-जुदाई
मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं ये तुझे भी कहाँ ख़बर हैं।
©Aman
#Baagh