White समंदर में नाव चल रही झूमते समंदर म | हिंदी कविता

"White समंदर में नाव चल रही झूमते समंदर में नाव बैठा जो उसमें हिल रहे पाँव असमान साफ है पवन है शांत ऐसा बने रहना आवश्यक नितांत वरना है मंजिल अभी बहुत दूर कहीँ हो न जाएं स्वप्न चूर चूर काश आज मौसम करवट न बदले आये न तूफ़ाँ मंजिल से पहले तेज तेज चप्पू है माँझी चलाता बेखुद खुशी खुशी बढ़ता ही जाता ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"

 White    समंदर में नाव

   चल रही झूमते
   समंदर में नाव
    बैठा जो उसमें
     हिल रहे पाँव

     असमान साफ है
     पवन है शांत
     ऐसा बने रहना
     आवश्यक नितांत

     वरना है मंजिल
     अभी बहुत दूर
     कहीँ हो न जाएं
     स्वप्न चूर चूर

     काश आज मौसम
     करवट न बदले
     आये न तूफ़ाँ
     मंजिल से पहले

     तेज तेज चप्पू
     है माँझी चलाता
    बेखुद खुशी खुशी
     बढ़ता ही जाता

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

White समंदर में नाव चल रही झूमते समंदर में नाव बैठा जो उसमें हिल रहे पाँव असमान साफ है पवन है शांत ऐसा बने रहना आवश्यक नितांत वरना है मंजिल अभी बहुत दूर कहीँ हो न जाएं स्वप्न चूर चूर काश आज मौसम करवट न बदले आये न तूफ़ाँ मंजिल से पहले तेज तेज चप्पू है माँझी चलाता बेखुद खुशी खुशी बढ़ता ही जाता ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#GoodNight

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