कभी ख़ामोशी की चीख सुनो , बेचारी बड़ी शोर मचाती है! | हिंदी Poetry

"कभी ख़ामोशी की चीख सुनो , बेचारी बड़ी शोर मचाती है! जब एक स्त्री अपनी अधूरी हसरतो को पास बुलाती है!! इन खामोशियों ने मेरे अंदर बहुत शोर मचाया हैँ चीख चीख कर अपना सबकुछ अपनी आँखो से बताया हैँ!! चुप होठों से होकर भी, आँखो को संभाल नहीं वो पाती हैँ! चट्टानों सी मजबूत आसमा तक,मगर वो बादल बनकर जमीं पर गिर जाती हैँ!! ©payal singh"

 कभी ख़ामोशी की चीख सुनो , बेचारी बड़ी शोर मचाती है!
 जब एक स्त्री अपनी अधूरी हसरतो को पास बुलाती है!!

इन खामोशियों ने मेरे अंदर बहुत शोर मचाया हैँ
चीख चीख कर अपना सबकुछ अपनी आँखो से बताया हैँ!!

चुप होठों से होकर भी, आँखो को संभाल नहीं वो पाती हैँ!
चट्टानों सी मजबूत आसमा तक,मगर वो बादल बनकर जमीं पर गिर जाती हैँ!!

©payal singh

कभी ख़ामोशी की चीख सुनो , बेचारी बड़ी शोर मचाती है! जब एक स्त्री अपनी अधूरी हसरतो को पास बुलाती है!! इन खामोशियों ने मेरे अंदर बहुत शोर मचाया हैँ चीख चीख कर अपना सबकुछ अपनी आँखो से बताया हैँ!! चुप होठों से होकर भी, आँखो को संभाल नहीं वो पाती हैँ! चट्टानों सी मजबूत आसमा तक,मगर वो बादल बनकर जमीं पर गिर जाती हैँ!! ©payal singh

#khamoshiyan

People who shared love close

More like this

Trending Topic