"यूं रातो को कहाँ खो जाते हो आप
फिर सपनो में आके नींदे उडा़ते हो आप
फिर रातो को अठखेलियाँ करते हो आप
हमारे होंठों पे मुस्कान लाते हो आप
फिर माथे पे बोसा देते हो आप
हमारे जीवन को सुखमय बनाते हो आप
अधूरा इश्क़, अधूरी शायरी"
यूं रातो को कहाँ खो जाते हो आप
फिर सपनो में आके नींदे उडा़ते हो आप
फिर रातो को अठखेलियाँ करते हो आप
हमारे होंठों पे मुस्कान लाते हो आप
फिर माथे पे बोसा देते हो आप
हमारे जीवन को सुखमय बनाते हो आप
अधूरा इश्क़, अधूरी शायरी