White हम सीना फुलाकर विकास की राह पर दौड तो रहे है किन्तु पर्यावरण धायल हो रहा है। उसे नुकसान पहुंचाने मे हम सब शामिल है
चाहे वह पालिधिन हो जिसमे हम बाजार से सामान लेते है हमारी गाडियो का धुआ हो या तेज म्युजिक की आवाज़ हो।
आज हमारी हवा शुद्ध नही रही,पानी पवित्र नही रहा, हमारी धरती प्र्दुषित हो रही है और हम महामारियो से ग्रस्त हो रहे है ।
क्या हम अभी भी मुगालते मे है यदि हम नही चेते,तो विनाश की और बढ रही पृथ्वी को बचाना मुश्किल होगा?
जगदीश हुरकट तराना जिला उज्जैन
©Jagdish Hurkat
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