आज के इस काले दिन को,हम भूल कैसे जाएँ
पुलवामा हमले को भूलकर,कैसे प्रेम दिवास मनाएँ
दर्दनाक था मंज़र कितना,जब 40 वीर शहीद हुए
14 फ़रवरी के ही दिन वो,चिथड़ों में रंगीन हुए
याद करो उन घरवालों को,जो झेल गए शहादत इनकी
बात जो होती मायने की,देख लेते तुम बगावत इनकी
नामर्द हैं वो आतंकी सारे,जो पीठ पीछे करते हैं वार
ज़रा सामना करो इन वीरों से,गर हिला ना दें तुम्हारी सरकार
इतनी सी हैं बातें सारी, हमारे फ़ौजियों से करो तुम यारी
अरे क्या नहीं करते वो ख़ातिर हमारी,बाकी भाड़ में जाए दुनियादारी
©नरेश कुमार
#जयहिंद