"जब भी यादों के दौरे पड़ते हैं ll
नींद की राहों में रोड़े पड़ते हैं ll
दिल की तसल्ली के लिए,
यादों के पन्ने कोरे पढ़ते हैं ll
पलकें खोले खोले सोते हैं,
चादर ओढ़े ओढ़े जगते हैं ll
अश्कों से लबरेज आंखों में,
सपने बहुत थोडे़ रखते हैं ll
बीते लम्हें गुपचुप से बैठे हैं,
वो हमसे मुह मोड़े लगते हैं ll"
©Aditya kumar prasad
#alone
tahmeena khatoon Pooja Udeshi Lalit Saxena Sethi Ji Anshu writer @-hardik mahajan