चीजें धुँधली नहीं, नजरे कमजोर हो गई हैं चोर लुटेर | हिंदी शायरी

"चीजें धुँधली नहीं, नजरे कमजोर हो गई हैं चोर लुटेरे हैं अब सब , क्योंकि सबकी नीयत चोर हो गई हैं ©Kamlesh Kandpal"

 चीजें धुँधली नहीं, नजरे कमजोर हो गई हैं 
चोर लुटेरे हैं अब सब ,  क्योंकि सबकी नीयत चोर हो गई हैं

©Kamlesh Kandpal

चीजें धुँधली नहीं, नजरे कमजोर हो गई हैं चोर लुटेरे हैं अब सब , क्योंकि सबकी नीयत चोर हो गई हैं ©Kamlesh Kandpal

#Niyat

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