White कब तक मैं अपने आंसू छिपाऊं
मैं चली जाना चाहती हूं यहां से कई दूर
जहां से मैं लौट कर न आऊं
किसी अपनों पर भरोसा न कर पाऊं
उन स्वतंत्र पंछियों की भांति उड़ पाऊं
मैं लौट कर न आऊं
सुसज्जित होकर भी लज्जा का पात्र न बन पाऊं
जहां बार बार अपमान हो मेरा
वहां कैसे अपना ध्यान लगाऊं
मन करता है मेरा दूर तारों के बीच समा जाऊं
जहां से मैं लौट कर न आऊं
चाहे समुद्र की लहरें समा ले खुद में मुझे
पर मैं लौट कर न आऊं
©sohani
#love_shayari