वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला दिल के क | हिंदी Poetry

"वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला मेरा दोस्त मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा फिर कोई खंजर है मेरी पीठ पे लगने वाला Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma"

 वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला
दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला
मेरा दोस्त  मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा
फिर कोई खंजर है  मेरी पीठ पे  लगने वाला
Dr Pramod Dhiman











om 11 production

©rashi khushi om Vishwkarma

वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला मेरा दोस्त मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा फिर कोई खंजर है मेरी पीठ पे लगने वाला Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman

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