White 78 वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को | हिंदी Quotes

"White 78 वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ। "15 अगस्त, 1947 को हमको स्वतंत्रता मिली। अंग्रेजों से हमने अपने देश को अपने हाथ में ले लिया। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हमारे लिए संकल्प का भी क्षण है। यह यकायक नहीं हुआ। हमने लिया, किसी की कृपा से नहीं मिला, लंबा संघर्ष करने के बाद मिला। वो तंत्र तो हमको मिल गया, लेकिन अब उसको स्व-तंत्र बनाना है। स्व-तंत्र होना यानि सब मामलों में स्व-निर्भर होना पड़ता है। हमारा राष्ट्रध्वज बताता है, हमको कैसा देश गढ़ना है। वो देश दुनिया में बड़ा होगा तो क्या होगा, वो अन्य लोगों पर राज नहीं करेगा, डंडा नहीं चलाएगा। वो तो अपने त्याग से दुनिया को गढ़ेगा, दुनिया के हित के लिए त्याग करेगा। हम यह सब समाज की, मानवता की, पर्यावरण की, सृष्टि की धारणा का धर्म पालन करके करेंगे। इसके लिए हमको परिश्रम करना है। आने वाले दिनों में, ये नहीं पूछना कि मुझे क्या मिलेगा, मेरा देश मुझे क्या देता है , मेरा समाज मुझे क्या देता है? बल्कि, मैं अपने देश को क्या दे रहा हूँ, मैं अपने समाज को क्या दे रहा हूँ? मेरी उन्नति में मेरे समाज की, देश की उन्नति हो रही कि नहीं? इसका विचार करके ही अपना जीवन जिऊं, इसकी आवश्यकता है।" ©vinayak kumar pandey"

 White 78 वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ।

"15 अगस्त, 1947 को हमको स्वतंत्रता मिली। 
अंग्रेजों से हमने अपने देश को अपने हाथ में ले लिया। 
यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हमारे लिए संकल्प का भी क्षण है। 
यह यकायक नहीं हुआ। हमने लिया, किसी की कृपा से नहीं मिला, 
लंबा संघर्ष करने के बाद मिला।

वो तंत्र तो हमको मिल गया, लेकिन अब उसको स्व-तंत्र बनाना है।
 स्व-तंत्र होना यानि सब मामलों में स्व-निर्भर होना पड़ता है।
 हमारा राष्ट्रध्वज बताता है, हमको कैसा देश गढ़ना है। 
वो देश दुनिया में बड़ा होगा तो क्या होगा, वो अन्य लोगों पर राज नहीं करेगा,
 डंडा नहीं चलाएगा। वो तो अपने त्याग से दुनिया को गढ़ेगा, 
दुनिया के हित के लिए त्याग करेगा। हम यह सब समाज की, मानवता की, 
पर्यावरण की, सृष्टि की धारणा का धर्म पालन करके करेंगे।
 इसके लिए हमको परिश्रम करना है। आने वाले दिनों में, 
ये नहीं पूछना कि मुझे क्या मिलेगा, मेरा देश मुझे क्या देता है
, मेरा समाज मुझे क्या देता है? बल्कि, मैं अपने देश को क्या दे रहा हूँ,
 मैं अपने समाज को क्या दे रहा हूँ? मेरी उन्नति में मेरे समाज की, 
देश की उन्नति हो रही कि नहीं? इसका विचार करके ही अपना 
जीवन जिऊं, इसकी आवश्यकता है।"

©vinayak kumar pandey

White 78 वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ। "15 अगस्त, 1947 को हमको स्वतंत्रता मिली। अंग्रेजों से हमने अपने देश को अपने हाथ में ले लिया। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हमारे लिए संकल्प का भी क्षण है। यह यकायक नहीं हुआ। हमने लिया, किसी की कृपा से नहीं मिला, लंबा संघर्ष करने के बाद मिला। वो तंत्र तो हमको मिल गया, लेकिन अब उसको स्व-तंत्र बनाना है। स्व-तंत्र होना यानि सब मामलों में स्व-निर्भर होना पड़ता है। हमारा राष्ट्रध्वज बताता है, हमको कैसा देश गढ़ना है। वो देश दुनिया में बड़ा होगा तो क्या होगा, वो अन्य लोगों पर राज नहीं करेगा, डंडा नहीं चलाएगा। वो तो अपने त्याग से दुनिया को गढ़ेगा, दुनिया के हित के लिए त्याग करेगा। हम यह सब समाज की, मानवता की, पर्यावरण की, सृष्टि की धारणा का धर्म पालन करके करेंगे। इसके लिए हमको परिश्रम करना है। आने वाले दिनों में, ये नहीं पूछना कि मुझे क्या मिलेगा, मेरा देश मुझे क्या देता है , मेरा समाज मुझे क्या देता है? बल्कि, मैं अपने देश को क्या दे रहा हूँ, मैं अपने समाज को क्या दे रहा हूँ? मेरी उन्नति में मेरे समाज की, देश की उन्नति हो रही कि नहीं? इसका विचार करके ही अपना जीवन जिऊं, इसकी आवश्यकता है।" ©vinayak kumar pandey

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