कौन हूं मैं? शायद कुछ भी नहीं और शायद सब कुछ: ये आ | हिंदी कविता

"कौन हूं मैं? शायद कुछ भी नहीं और शायद सब कुछ: ये आकाश, ये पवन ये मिट्टी, ये जल और ये अग्नि... सब कुछ हूं मैं अडोल खड़ा ये दरखत हूं मैं, वायुमंडल में उड़ता वो खग हूं मैं, सब कुछ हूं मैं, और शायद कुछ भी नहीं, कौन हूं मैं? ©Harendra Singh Lodhi"

 कौन हूं मैं?
शायद कुछ भी नहीं
और शायद सब कुछ:
ये आकाश, ये पवन
ये मिट्टी, ये जल और ये अग्नि...
सब कुछ हूं मैं
अडोल खड़ा ये दरखत हूं मैं,
वायुमंडल में उड़ता वो खग हूं मैं,
सब कुछ हूं मैं,
और शायद कुछ भी नहीं,
कौन हूं मैं?

©Harendra Singh Lodhi

कौन हूं मैं? शायद कुछ भी नहीं और शायद सब कुछ: ये आकाश, ये पवन ये मिट्टी, ये जल और ये अग्नि... सब कुछ हूं मैं अडोल खड़ा ये दरखत हूं मैं, वायुमंडल में उड़ता वो खग हूं मैं, सब कुछ हूं मैं, और शायद कुछ भी नहीं, कौन हूं मैं? ©Harendra Singh Lodhi

#मैं #चिंतन #आत्म

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