आओ बाॅंध दू सेहरे की लड़ियों को
आओं संवार दूं तेजस्वी कड़ियों को
जो बिखर जाती मेरा रुप देखकर
जो सिमट जाती है मेरी चाहत देखकर
तेरे आगोश में दिवानी हो गयी
दिवानी -दिवानी हो गयी।।
कोसो दूर से चली आयी
संजना तेरे लिए
तुझसे मिलने चली आयी
संजना तेरे लिए
दिवानी -दिवानी हो गयी।।
चेहरा जो तेरा ऑंखो में छुपाया
जुगनू अब रात हो गयी
सात फेरों से बंधा है जन्मों का बंधन
जो टूटे से ना टूटे
ये मेरा-तेरा संगम।।
© Usha Rani
गीत
#RajaRaani