a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कबूल है यह | English शायरी

"a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कबूल है यह प्यार तेरी भूल है कबूल है मैं संग हूं तू फूल है कबूल है दगा भी दूंगा प्यार में कभी-कभी यह मेरा वसूल है कबूल है तू रुठी भी तो मैं मनाऊंगा नहीं जो रूल है ओ रूल है कबूल है अगर यही है तेरी राजा तो बोल फिर कबूल है कबूल है कबूल है ©Hitesh Pathak Hitesh"

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कबूल है यह प्यार तेरी भूल है कबूल है मैं संग हूं तू फूल है कबूल है दगा भी दूंगा प्यार में कभी-कभी यह मेरा वसूल है कबूल है तू रुठी भी तो मैं मनाऊंगा नहीं जो रूल है ओ रूल है कबूल है अगर यही है तेरी राजा तो बोल फिर कबूल है कबूल है कबूल है

©Hitesh Pathak Hitesh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कबूल है यह प्यार तेरी भूल है कबूल है मैं संग हूं तू फूल है कबूल है दगा भी दूंगा प्यार में कभी-कभी यह मेरा वसूल है कबूल है तू रुठी भी तो मैं मनाऊंगा नहीं जो रूल है ओ रूल है कबूल है अगर यही है तेरी राजा तो बोल फिर कबूल है कबूल है कबूल है ©Hitesh Pathak Hitesh

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