Unsplash तुम्हें याद है क्या?
तुम्हें याद है क्या वो पहली बात,
जब खामोशी ने चुरा ली थी रात।
चाँदनी में लिपटे थे सपनों के पल,
दिल की धड़कन सुनाता था जल।
तुम्हें याद है क्या वो पहला सफर,
जहाँ कदमों ने लिखे थे नए तेवर।
हवा में बसती थी मीठी सी खुशबू,
हर मोड़ पर लगता था कोई जादू।
अब भी वो लम्हे दिल को छूते हैं,
यादों के साये संग जीते हैं।
तुम्हें याद है क्या वो बीता हुआ?
क्यों लगता है जैसे कुछ छूटा हुआ।
©Avinash Jha
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