अपनी मुरली छुपा के रखना कान्हा कहीं फिर बज उठी तो | हिंदी शायरी

"अपनी मुरली छुपा के रखना कान्हा कहीं फिर बज उठी तो तीनों लोक मदहोश हो जाने हैं.. ©अज्ञात"

 अपनी मुरली छुपा के रखना कान्हा 
कहीं फिर बज उठी तो तीनों लोक 
मदहोश हो जाने हैं..

©अज्ञात

अपनी मुरली छुपा के रखना कान्हा कहीं फिर बज उठी तो तीनों लोक मदहोश हो जाने हैं.. ©अज्ञात

#DearKanha

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