मुहब्बत का अंजाम क्या होगा किसे पता।
प्यार बदनाम भी होगा, किसे पता।।
प्रेम के समंदर में लोग डूब जाते हैं।
इश्क़ कत्लेआम भी होगा, किसे पता।।
समय की आंधियों से, कितने घर टूटते देखा है।
मुहब्बत सरेआम भी होगा ,किसे पता।।
भाव के भूखे नहीं रहे अब लोग जमानें में।
इश्क़ निलाम भी होगा, किसे पता।।
इश्क़ को इबादत ,प्रेम को पुजा भी समझते हैं कुछ लोग सुधा।
प्रेम वरदान भी होगा किसे पता।।
©Sudha Pandey
#lightning किसे पता