White पल्लव की डायरी दायरे में यूरोपीय व्यवस्था दम | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी दायरे में यूरोपीय व्यवस्था दम भारत का निकला है जाल करो के फैला कर असमानता का स्तर बढ़ रहा है बैंकिंग के भरोसे ,बाँध आवाम को चार्जों के नाम पर लूट मचा रहे है शिक्षा स्वास्थ्य व्यापार की भेंट यहाँ मॉडल यूरोपियन कियो नही अपना रहे हो चौरासी करोड़ को राशन देकर खोखली अर्थव्यवस्था बना रहे हो दो चार कम्पनियों के साम्राज्य बड़ा कर आम जनता के व्यापार रोजगार का दिवाला निकाल रहे हो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
दायरे में यूरोपीय व्यवस्था
दम भारत का निकला है
जाल करो के फैला कर
असमानता का स्तर बढ़ रहा है
बैंकिंग के भरोसे ,बाँध आवाम को
चार्जों के नाम पर लूट मचा रहे है
शिक्षा स्वास्थ्य व्यापार की भेंट
यहाँ मॉडल यूरोपियन 
कियो नही अपना रहे हो
चौरासी करोड़ को राशन देकर
खोखली अर्थव्यवस्था बना रहे हो
दो चार कम्पनियों के साम्राज्य बड़ा कर
आम जनता के व्यापार रोजगार का 
दिवाला निकाल रहे हो
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी दायरे में यूरोपीय व्यवस्था दम भारत का निकला है जाल करो के फैला कर असमानता का स्तर बढ़ रहा है बैंकिंग के भरोसे ,बाँध आवाम को चार्जों के नाम पर लूट मचा रहे है शिक्षा स्वास्थ्य व्यापार की भेंट यहाँ मॉडल यूरोपियन कियो नही अपना रहे हो चौरासी करोड़ को राशन देकर खोखली अर्थव्यवस्था बना रहे हो दो चार कम्पनियों के साम्राज्य बड़ा कर आम जनता के व्यापार रोजगार का दिवाला निकाल रहे हो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#sunset_time असमानता का स्तर बढ़ रहा है
#nojotohindi

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