इंसान, इंसान में जो फर्क करे, वह मजहब कैसा। सितमग | हिंदी शायरी Video

"इंसान, इंसान में जो फर्क करे, वह मजहब कैसा। सितमगर खुद को बकसूर कहे हो रहा यह गजब कैसा। खुद को औरों से बेहतर समझने का यह सबब कैसा शोशेबाजी से जिन्हें रुतबा मिला करना उनका अदब कैसा। ©Kamlesh Kandpal "

इंसान, इंसान में जो फर्क करे, वह मजहब कैसा। सितमगर खुद को बकसूर कहे हो रहा यह गजब कैसा। खुद को औरों से बेहतर समझने का यह सबब कैसा शोशेबाजी से जिन्हें रुतबा मिला करना उनका अदब कैसा। ©Kamlesh Kandpal

#शोशेबाजी

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