गुलाबों से खुशबु उड़े न उड़े।  किताबों के पन्ने बिख | हिंदी शायरी V

"गुलाबों से खुशबु उड़े न उड़े।  किताबों के पन्ने बिखरने लगे।  तेरे इश्क का रंग चढ़ा इस कदर।  प्यार में तेरे हम निखरने लगे।  गुलाबों से खुशबु..............  आज भी खत रखे है पढ़े बिन पढ़े।  छुअन से तेरी वह महकने लगे।  अब संभाले सम्भलता नहीं दिल मेरा।  उल्फत में तेरी बहकने लगे। गुलाबों से खुशबु............ ©U.S. Varma "

गुलाबों से खुशबु उड़े न उड़े।  किताबों के पन्ने बिखरने लगे।  तेरे इश्क का रंग चढ़ा इस कदर।  प्यार में तेरे हम निखरने लगे।  गुलाबों से खुशबु..............  आज भी खत रखे है पढ़े बिन पढ़े।  छुअन से तेरी वह महकने लगे।  अब संभाले सम्भलता नहीं दिल मेरा।  उल्फत में तेरी बहकने लगे। गुलाबों से खुशबु............ ©U.S. Varma

#sadak

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