"मन की बेचैनी को त्याग कर..
तू अपने विचार पे राज कर
जो छोर गया उसे..
अब दिल से निकाल कर
तू बैठ मत अपने हौसलें को हार के
तेरी मंजिल ही तेरा हौसला है
तू क्यों हार बैठा कुछ हार के
तू बदल अपने जीवन के सभी रास्ते को
और बढ़ चल अपनी मंजिल की रास्ते पे।
©Sourabh Sharma"