Unsplash आखें रख दूं तुम्हारे चेहरे पर
उम्रभर फिर ना इन्हें हटाऊं में.
पास तेरे सुकून मिलता है
दूर तुझ से कभी ना जाऊं में.
तेरी आखें हैं या समंदर हैं
तेरी आंखों में डूब जाऊं में.
मुझ को रख लो ना पास तुम 'दिल' के
गम की दुनिया में कहीखो ना जाऊं में.
मेरी दुनिया है तुम से ही हम-दम
तुम से बिछड़ूं तो मर ही न जाऊं में.
"चाहत की सारी हदों को तुम पर खत्म करना चाहती हूं.
तुम्हारे सिवा अब इस जहां में कोई इश्क नहीं चाहती हूं.
©shraddha singh
#snow